कुरुक्षेत्र, 29 नवंबर। केंद्रीय ऊर्जा, आवासन और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता जीवन जीने का मार्ग और शांति का स्रोत है। उन्होंने बताया कि महाभारत के युद्ध क्षेत्र कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। केंद्रीय मंत्री शनिवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्यप्रदेश के पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज सहित कई संत-महापुरुष उपस्थित रहे।
मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राजनीति और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में गीता का संदेश अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने संत समाज और प्रबुद्धजनों से आग्रह किया कि गीता के उपदेश को केवल कुरुक्षेत्र तक सीमित न रखें, बल्कि इसे व्यापक बनाकर समाज और राष्ट्र को उच्च दिशा दें।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गीता का उपदेश मानवता के लिए शाश्वत ज्ञान है और यह युवाओं को सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ता है। मध्यप्रदेश के मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने गीता को योग, ब्रह्मविद्या और मानव मनोविज्ञान की सर्वोत्तम कृति बताते हुए जीवन मार्गदर्शक बनाने का आह्वान किया।
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता ज्ञान विश्व शांति और सद्भावना का मार्ग दिखाता है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज ने कुरुक्षेत्र की वैश्विक पहचान पर प्रकाश डाला और गीता के उपदेश को मोक्ष और योग का मूल ग्रंथ बताया।
1 दिसंबर को केशव पार्क में 21 हजार बच्चों के सामूहिक गीता पाठ का आयोजन होगा। कार्यक्रम में पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।


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