पानीपत-
आर्य समाज बड़े बाजार में आर्य केंद्रीय सभा के तत्वावधान में अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद जी का निर्वाण दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर स्वामी श्रद्धानंद जी के जीवन और उनके योगदान पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक यज्ञ से हुई, जिसे पंडित हिमांशु शास्त्री ने वैदिक मंत्रों के साथ संपन्न कराया। मुख्य यजमान के रूप में चंद्र प्रकाश एवं सुनीता आर्य, दीपक एवं दीपमाला, वीरेंद्र गुप्ता एवं मधु गुप्ता, और आदित्य डावर एवं मोनिका डावर ने यज्ञ में भाग लिया। ध्वजारोहण का शुभ कार्य श्रीमती नीरू गुगलानी द्वारा किया गया।

दिल्ली से पधारे भजनोपदेशक पंडित मुकेश शास्त्री और आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने स्वामी श्रद्धानंद जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में पंडित मुकेश शास्त्री ने भजनों के माध्यम से स्वामी जी के योगदान का स्मरण कराया। उन्होंने बताया कि स्वामी श्रद्धानंद ने देश को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। भय और प्रलोभन के कारण विधर्मी बने हिंदुओं को शुद्धि आंदोलन के माध्यम से पुनः वैदिक धर्म में वापस लाने में उनकी भूमिका अतुलनीय रही।

आचार्य चंद्रशेखर ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी श्रद्धानंद ने स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय प्रयास किए। उन्होंने पश्चिमी शिक्षा के स्थान पर वैदिक गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की नींव रखी और समाज में स्त्रियों के अधिकारों की अलख जगाई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अजय गर्ग (प्रधान, बड़े बाजार) ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. जगजीत आहूजा, विशिष्ट अतिथि सुशोभिता मठारू, और सम्मानित अतिथि निशा अग्रवाल उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के समापन पर आर्य केंद्रीय सभा के प्रधान आत्म आर्य ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में सुनीता सिंगला, कविता भाटिया, राजेश भाटिया, सच्चिदानंद, छोकर जी, बेला भाटिया, शारदा बरेजा, शकुंतला सिंगला, संजीव माखीजा, भूषण नागपाल, निर्मल वसु, मनीषा, आत्म बरेजा, कमलेश कथूरिया, वीरेंद्र आर्य, संदीप आर्य, और सुरिंदर आर्य इत्यादि सभी व्यक्तियों ने स्वामी श्रद्धानंद जी के महान कार्यों को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।