पानीपत–माननीय न्यायमूर्ति श्री अरुण पल्ली, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और श्री सुदेश कुमार शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पानीपत के कुशल मार्गदर्शन में सेशन डिवीजन, पानीपत में शनिवार को अधिनिर्णय की पूरी प्रक्रिया न्यायाधीशों, वकीलों, वादियों, बीमा कंपनियों और बैंक प्रतिनिधियों के बीच न्यायालय में निजी रूप से आकर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया ।लंबित मामलों के साथ-साथ पूर्व मुकदमेबाजी के मामलों से निपटने के लिए लोक उपयोगिता सेवाओं की खंडपीठ का भी गठन किया गया जिसमें दुर्घटना के दावे, चेक बाउंस, बैंक वसूली, नागरिक विवादों से संबंधित सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं, उपभोगता कमीशन के केस भी शामिल हैं और यहां तक कि घरेलू हिंसा अधिनियम आदि से संबंधित कंपाउंडेबल अपराधों के आपराधिक मामले भी शामिल है।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव  जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पानीपत श्रीमती मीनू ने आगे खुलासा किया कि लोक अदालत विवादों के निपटान के प्रभावी तरीकों में से एक है। लोक अदालतों में विवादों का सौहार्दपूर्वक निपटारा किया जाता है। "सभी के लिए न्याय तक पहुंच" के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एडीआर तंत्र का संवर्धन काफी महत्वपूर्ण है। 

उन्होंने आगे खुलासा किया है कि पानीपत में  कुल  35 हजार 772 मुकदमों को लिया गया था जिनमें से 22 हजार 61 मुकदमों को केवल पानीपत में लोक अदालत में पारंपरिक रूप से निपटाया गया। लोक अदालत में निपटान की राशि 64000041 रुपए थी। इसके अलावा समालखा सब डिवीज़न में  5481 मुकदमो का निपटारा किया गया। जो कुल मिलाकर पानीपत जिले में   27542 मुकदमों का निपटारा किया गया